रटले रटले रटले, तू रटले राम की माला

रटले रटले रटले,
तू रटले राम की माला,
तु रटलें राम की माला।।

माला मै सै जितने मणके,
राम नै रटले राम का बनके,
होजा ज्ञान उजाला,
तु रटलें राम की माला।।

राम रटा था उस शबरी ने,
जाकै दर्शन दिए हरी ने,
बणया सबरी धाम निराला,
तु रटलें राम की माला।।

राम नाम है सबसे न्यारा,
इससे मिलता मोक्ष द्वारा,
तेरा खुल जा घट का ताला,
तु रटलें राम की माला।।

जयप्रकाश तू सुरति लाले,
रोम रोम में राम बसाले,
कह गाम लुहारी आला,
तु रटलें राम की माला।।

रटले रटले रटले,
तू रटले राम की माला,
तु रटलें राम की माला।।

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