राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत् (अर्थ के साथ) मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी, प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी। व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ १ अर्थात…
॥ओ३म्॥ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥ शब्दार्थ ओ३म सबकी रक्षा करने वाला भूः जो सब…