राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र
राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत् (अर्थ के साथ)
मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी, प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी। व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ १
अर्थात – समस्त मुनिगण आपके चरणों की...